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धनिया फसल लायेगा किसानों में खुशहाली

धनिया फसल विश्लेषण
जैसा की हम सब जानते हे।पुरे राजस्थान में कोटा संभाग धनिया उत्पादन में अव्वल है। हाड़ौती के किसानों को इस साल धनिया मालामाल कर देगा। धनिये की बुवाई भले ही कम हुई हो, लेकिन दामों में रिकॉर्ड तेजी से किसान खुश है। पांच-छह हजार क्विंटल बिकने वाला धनिया 16000 रुपए क्विंटल बिक रहा है।

रामगंज मण्डी हो या झालरा पाटन कृषि उपज मण्डी या इससे बड़ी मंडिया हर जगह धनिया मंडी। का जबर्दस्त भाव चल रहा हे।
धनिया का रकबा घटने से पैदावार प्रभावित होने का कृषि उपज मंडियों में स्पष्ट तौर पर दिखाई देने लगा है। गत वर्ष की तुलना में इस बार धनिया के भाव में काफी अधिक तेजी है। पिछले वर्ष धनिया उच्चतम 7 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बिका था जो इस वर्ष वर्तमान में 12500 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहा है।जानकारों के अनुसार इस वर्ष धनिया के भाव 16 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक छू सकते हैं। हाड़ौती संभाग में पैदावार होती है। बीते चार.पांच सालों में हर वर्ष अतिवृष्टि और तेज सर्दी के कारण धनिया की फसल खराब हो जाने के कारण किसानों का ध्यान धनिया की पैदावार से हटने लगा है जिससे बुवाई के आंकड़ों में निरंतर गिरावट आ रही है। वर्ष 2021 व 22 मैं तो धनिया की बुवाई न्यूनतम स्तर पर आ गई है जिसका सीधा असर धनिया के भाव में सुर्खियां ला चुका है। हाड़ौती संभाग में सबसे ज्यादा धनिया होता है। झालावाड़ जिले में उत्पादित होता था। बारां के बीते 7 सालों के आंकड़े देखने पर पता चलता है कि वहां बुवाई में निरंतर कमी आई है इसी प्रकार झालावाड़ जिले में भी धनिया का उत्पादन हर वर्ष का होता जा रहा है। होली के पहले कृषि उपज मंडी में किसान कृषि जिंस बेचने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं। धनिया की ज्यादा पैदावार होने के कारण मंडी यार्ड का अधिकांश भाग धनिया से हाउसफुल हो जाया करता था जबकि इस बार हालात बदले हुए हैं। मंडी में धनिया की नीलामी यार्ड के आसपास केवल धनिया के ढेर ही दिखाई दे रहे हैं। मार्च माह तक धनिया की अच्छी आवक पहुंच जाती थी।
धनिया करेगा किसानों को खुशहाल 12500 रुपए प्रति बिक रहा

दो हजार बोरी धनिये की आवक
शनिवार को मंडी में 2000 बोरी धनिया की आवक हुई। धनिया का उत्पादन हाडोती के अलावा मध्य प्रदेश गुजरात और आंध्र प्रदेश मैं होता है। गुजरात में धनिया की आवक हो चुकी है। बंपर पैदावार नहीं होने के कारण वहां भी तेजी बनी हुई हे।
कु हुई कमी बुवाई?

धनिये का रकबा घटने का प्रमुख कारण

किसानों का कोरोना काल के समय औषधि के काम आने वाली अश्वगंधाए कलौंजी मैं तेजी को देखकर और बरसात ज्यादा होने और सर्दी के तेवर तीखे होने के कारण धनिए की फसल के झुलसने की आशंका को लेकर किसानों का रुझान दूसरी फसलों की तरफ चला गया अधिकांश किसानों ने सरसों और गेहूं की पैदावार की है।

धनिया पर हुई राष्ट्रीय सेमिनार में कई जानकारों ने इस साल उत्पादन के बारे में अनुमान जाहिर किया इनके अनुसार इस साल धनिया की कीमतें काफी ऊंची रहने वाली है। क्योंकि उत्पादन पिछले साल से कम है जानकारों ने बताया कि इस साल राजस्थानए मध्य प्रदेशए गुजरात में बुवाई कम होने से उत्पादन में भारी कमी आई है। इस साल बकाया स्टार्ट भी पिछले सालों के मुकाबले 50 प्रतिशत से भी कम है। तेजी का रुख। गल्ला व्यापारी विजय मूंदड़ा व अंकुर शाह ने बताया कि हाजिर बाजार में मजबूती के रुख और उत्पादक क्षेत्रों से सीमित सप्लाई के चलते इस साल धनिया के दामों में भारी तेजी का रुख बना हुआ है हालांकि अधिकांश धनिया अच्छी गुणवत्ता वाला आ रहा है लेकिन उत्पादन कम होने से धनिया के भाव में शुरू से ही उछाल शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि देश की बड़ी मसाला कंपनी के प्रतिनिधि धनिया की खरीदी के लिए मंडी में आने शुरू हो गए हैं और उनकी मांग भी अच्छी निकलने से गांव में तेजी का रुख बना रहने की उम्मीद है।

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